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खुशखबरी: बच्‍चों के लिए आ गया कोरोना टीका… Zydus Cadila की तीन डोज वाली निडिल फ्री वैक्सीन को DCGI ने दी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी

खुशखबरी: बच्‍चों के लिए आ गया कोरोना टीका… Zydus Cadila की तीन डोज वाली निडिल फ्री वैक्सीन को DCGI ने दी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी

खुशखबरी: बच्‍चों के लिए आ गया कोरोना टीका… Zydus Cadila की तीन डोज वाली निडिल फ्री वैक्सीन को DCGI ने दी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी


जाइडस केडिला के कोविड टीके जाइकोव-डी को आपातकालीन उपयोग के लिये भारत के औषधि महानियंत्रक से मंजूरी मिल गई है. इससे पहले भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के एक विशेषज्ञ पैनल ने जाइडस केडिला की तीन खुराकों वाले कोविड-19 टीका ‘जाइकोव-डी’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दिये जाने की सिफारिश की थी. इसकी अंतिम मंजूरी के लिये यह सिफारिश भारत के औषधि महानियंत्रक को भेजी गई थी, जहां से आज इसे हरी झंडी मिल गई है. यह वैक्सीन व्यस्कों के अलावा 12 साल से ज्यादा के उम्र के बच्चों को लगाई जाएगी.

अहमदाबाद स्थित फर्मा कंपनी ने एक जुलाई को टीके के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने के लिये डीसीजीआई को आवेदन दिया था. कंपनी ने बताया कि इसने अब तक 50 से अधिक केंद्रों पर सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया है. मंजूरी मिलने के बाद जाइकोव-डी कोरोना वायरस संक्रमणरोधी दुनिया का पहला डीएनए टीका है जिसे भारतीय कंपनी ने विकसित किया है और देश में इस्तेमाल के लिये यह छठा टीका है. इससे पहले सीरम इस्टीच्यूट के कोविशील्ड, भारत बायोटेक के कोवैक्सिन, रूस के स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका के मोडर्ना एवं जानसान एंड जानसन का टीका इस्तेमाल हो रहा है.

प्लाज्मिड डीएनए-आधारित जाइकोव-डी, सुई-मुक्त इंजेक्टर का उपयोग करके यह टीका दिया जाता है. इस वैक्‍सीन से न केवल वयस्क लोगों को फायदा होगा बल्कि यह 12 से 18 साल आयु वर्ग के किशोरों के लिये भी प्रभावी होगा.

कैसे काम करेगा यह वैक्‍सीन?
यह प्‍लाज्‍़मिड डीएनए वैक्‍सीन है. प्‍लाज्‍़मिड इंसानों में पाए जाने वाले डीएनए का एक छोटा सर्कुलर हिस्‍सा होता है. ये वैक्‍सीन इंसानों की बॉडी में सेल्‍स की मदद से कोरोना वायरस का स्‍पाइक प्रोटीन तैयार करता है. इससे बॉडी को कोरोना वायरस के अहम हिस्‍से की पहचान करने में मदद मिलती है. इस प्रकार बॉडी में इस वायरस का डिफेंस तैयार किया जाता है.

यह वैक्‍सीन इंसानों की स्किन में दी जाती है. इसे लगवाते समय चुभन जैसा महसूस होती है. इस वैक्‍सीन को लगाने के लिए स्प्रिंग की मदद से तैयार की गई एक डिवाइस का इस्‍तेमाल किया जाएगा और वैक्‍सीन को सीधे त्‍वचा में लगाया जाएगा.

कितने-कितने दिन पर दी जाएगी डोज?
इस वैक्‍सीन की टेस्टिंग तीन डोज़ के हिसाब से की गई है. पहली डोज़ के 21 दिन बाद दूसरी डोज़ और तीसरी डोज़ 56 दिन बाद दी जाएगी. लेकिन कंपनी ने यह भी कहा कि उसने दो डोज़ में भी इस वैक्‍सीन की टेस्टिंग की है और एक जैसे ही नतीजे मिले हैं. ऐसे में इस बात के भी संकेत हैं कि इस वैक्‍सीन के भी दो ही डोज़ लगाए जाएंगी.

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